बिलासपुर( Fourthline )।बदलते मौसम में इन दिनों स्ट्रोक का खतरा बना हुआ है । जीवनशैली बदलते हुए चाहिए कि गुनगुने पानी से नहाएं और सीधे ठंड में घर से ना निकलें।

हृदयाघात के समान ही स्ट्रोक या मस्तिष्कघात गंभीर बीमारी है आज भागमभाग भरी जीवनशैली और स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही से मस्तिष्क घात के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। बिलासपुर में लगातार नए केस सामने आए हैं। बुजुर्गों के साथ अब युवाओं में भी यह समस्या उभर रही है इसलिए प्रतिवर्ष स्ट्रोक के खतरे को कम करने के लिए तरह तरह से जागरूक किया जाता है । इस संबंध में खंड चिकित्सा अधिकारी एवं जिरियाट्रिक मेडिसिन विशेषज्ञ डॉक्टर सुनील हंसराज ने बताया स्ट्रोक किसी भी उम्र के व्यक्ति को किसी भी समय आ जाता है। समय रहते पीड़ित व्यक्ति की पहचान कर ली जाए तो विकलांगता की संभावना को कम किया जा सकता है । इन दिनों जरूरी है कि आप कुनकुने पानी से नहाएं। एकदम सीधे ठंड में ना निकलें। धूम्रपान तंबाकू का सेवन बिल्कुल ना करें। उच्च रक्तचाप के मरीजों को बेहद सावधानी से रहना चाहिए। इन दिनों शुगर के मरीज भी बहुत तेजी से बढ़े हैं, जिसके कारण खून गाढ़ा होता है और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता। है डॉ हंसराज ने बताया ज्यादातर उम्रदराज लोगों को स्ट्रोक आता है । चेहरे का किसी एक तरफ मुड़ जाना किसी एक बांह में दर्द का होना, आवाज में तकलीफ होना, सिर दर्द , चलने में परेशानी , आंखों के आगे ल धुंधला होना, इस तरह के लक्षण स्ट्रोक के होते हैं । ये लक्षण हों तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। उच्च रक्तचाप के मरीजों को बेहद सावधानी से रहने की जरूरत होती है। वह समय से अपनी दवाई लें और डॉक्टर के परामर्श अनुसार पानी पिएं।

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