कोरबा । भारत एल्यूमीनियम कंपनी (बालको) के कूलिंग टावर और कोल डस्ट तथा राखड़ के जानलेवा प्रदूषण से जूझ रहे करीब डेढ़ सौ परिवारों के पुनर्वास के लिए प्रशासन एक हफ्ते के भीतर सर्वे शुरू करेगा। ये परिवार वर्षों से पुनर्वास की लड़ाई लड़ रहे हैं।
अनुविभागीय अधिकारी की मध्यस्थता में हुई बैठक में प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के मुद्दे पर फिर बातचीत हुई । प्रशासन की ओर से प्रभावित क्षेत्रों का एक हफ्ते के भीतर नए सिरे से सर्वे कराने का विश्वास दिलाया गया। परिवारों को रोजगार देने पर बात नहीं बन पाई। कंपनी लोगों को ठेका मजदूर के रूप रोजगार देने की बात कह रही है , जो परिवारों को मंजूर नहीं है। वे स्थाई रोजगार चाहते हैं। इसी मुद्दे पर वे एक बार फिर आर्थिक नाकेबंदी करने वाले थे। प्रशासन के साथ एक और वार्ता को लिए इसे टाल दिया गया। नए सर्वे और पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू करने के आश्वासन पर प्रभावित परिवारों ने आर्थिक नाकेबंदी का कार्यक्रम फिलहाल टाल दिया है।

नए सर्वे और उसके बाद पुनर्वास की प्रक्रिया का प्रभावित परिवार इंतजार करेंगे। शांति नगर पुनर्वास समिति के अध्यक्ष आर. ए. नारायण राव ने कहा अगर कंपनी पुनर्वास के अपने वादे को पूरा करने में आनाकानी करती है तो प्रभावित परिवारों के सामने आंदोलन करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचेगा। हम प्रशासन से इस दिशा में प्रभावित परिवारों के हक में फैसले की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन अब तक यह अधूरी ही रही है। कंपनी का रवैया इसे टालते रहने का रहा है, जिसे लेकर प्रभावित परिवारों में रोष बढ़ रहा है।

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