अंबिकापुर । शहर के युवा और सेना में मेजर नीलेश सिंह के असामयिक निधन की ख़बर जैसे ही शहर में आई लोग ग़मगीन हो गए। होनहार और मात्र 34 वर्ष की उम्र में एक युवा सैन्य अधिकारी का चले जाने का दुख सहा नहीं जा रहा था। कोरोना काल में उनके पिता का निधन हो गया था।इकलौते होनहार पुत्र के निधन की ख़बर से इनकी मां स्तब्ध रह गईं। साथ ही पूरा शहर शोक में डूब गया।जैसे ही सेना के अधिकारी ने तिरंगा इनकी मां को दिया वहां मौजूद लोगों की आंखें डबडबा गईं।नगर के शंकर घाट स्थित मुक्तिधाम में आसमान वंदेमातरम और मेजर नीलेश अमर रहें से गूंज उठा।।सेन ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
रानी सती मंदिर सतीपारा अम्बिकापुर निवासी नीलेश आर्मी मेडिकल एग्जाम के माध्य्म से 2015 में आर्मी में डेंटल डॉक्टर के रूप में प्रथम चांगसारी असम मे पोस्टेड हुए,दूसरी पोस्टिंग रूरकी उत्तराखंड में हुई। इस समय पठानकोट पंजाब में पदस्थ थे।अपने कमरे में दिल के दौरा पड़ने की वजह से इनका निधन हो गया। सेना में समय समय पर मेजर नीलेश को कई मेडल्स और सम्मान मिले । उन्हें अंतिम विदाई देते सबकी आंखें नम हो गईं।