•अजय गुप्ता
सूरजपुर। Municipal elections: नगरपालिका का अध्यक्ष पद ओबीसी महिला के लिए आरक्षित होने से राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं।चुनाव की तैयारी में जुटे सामान्य वर्ग के नेताओं के मंसूबो पर जहां पानी फिर गया है वहीं ओबीसी महिला उम्मीदवारों के लिए राजनीति में नई राह खुल गई है। अब भाजपा और कांग्रेस दोनों दल नई रणनीतियों के साथ अपने सबसे मजबूत ओबीसी महिला प्रत्याशी की तलाश में जुट गए हैं।
Municipal elections: आरक्षण की घोषणा के बाद ही ओबीसी महिला प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारने की कवायद तेज हो गई है। भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही दलों में कुछ प्रमुख नाम उभरकर सामने आए हैं। भाजपा से देवंती साहू जिनका राजनीतिक आधार मजबूत माना जा रहा है। वे पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष थलेश्वर साहू की पत्नी हैं।थलेश्वर साहू भाजपा के जिला कोषाध्यक्ष हैं और लंबे समय से पार्टी में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। उनकी सक्रियता और संगठन में प्रभाव का फायदा भाजपा को मिल सकता है। कांग्रेस से कुसुमलता राजवाड़े, जो कांग्रेस की सक्रिय राजनीति में लंबे समय से जुड़ी हुई हैं, उनका नाम भी उभरकर सामने आया है। उन्होंने पार्टी के विभिन्न पदों पर काम किया है और पिछली परिषद में पार्षद रही हैं। कांग्रेस में उनकी दावेदारी काफी मजबूत मानी जा रही है, क्योंकि वे स्थानीय स्तर पर सक्रिय और लोकप्रिय हैं।
Municipal elections: हालांकि, भाजपा और कांग्रेस से अन्य नाम भी सामने आ रहे हैं। कई अन्य दावेदार शीर्ष नेताओं से संपर्क कर रहे हैं और अपनी दावेदारी मजबूत करने की कोशिश में जुट गई हैं। भाजपा में दवंती साहू के अलावा भी कुछ और नाम चर्चा में हैं, जिनमें पार्टी के अन्य सक्रिय कार्यकर्ताओं की पत्नियां या ओबीसी महिला नेत्रियां शामिल हैं।कांग्रेस में भी कुसुमलता राजवाड़े के अलावा अन्य दावेदार उभर सकते हैं, जो पार्टी संगठन और स्थानीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए चुनावी मैदान में उतरने की सोच सकती हैं।
नगरपालिका चुनाव में स्थानीय समीकरण हमेशा दलगत राजनीति से अलग चलते हैं।कुछ प्रभावशाली स्थानीय चेहरे निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में उतार कर भाजपा-कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगा सकत हैं।इस पर भी मंथन हो रहा है। बहरहाल, आरक्षण प्रक्रिया के बाद नगर पालिका चुनाव को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। भाजपा के पास मजबूत संगठन हैं तो वहीं कांग्रेस को स्थानीय स्तर पर अपने संगठन को मजबूत करने की जरूरत होगी। कांग्रेस में जिला अध्यक्ष बदलने की तैयारी है। भाजपा ने तीन दिन पूर्व ही ओबीसी वर्ग से जिला अध्यक्ष मुरली मनोहर सोनी को घोषित किया है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही जातीय और स्थानीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवार तय करेंगे। फिलहाल चुनाव तारीख का ऐलान होना बाकी है। इधर आरक्षण के बाद दावेदारों की कसरतें शुरू हो गई हैं । अगले कुछ दिनों में चुनावी चर्चाएं तेज होगी और विभिन्न मुद्दों पर चुनावी माहौल गरमाता चला जाएगा।