सरकार की निःशुल्क सेवा, 1099 टोल फ्री पर किया जा सकता है संपर्क
बिलासपुर, (fourthline) । इन दिनों बिलासपुर में बहुत से शव वाहन सक्रिय हैं ।जिनमें से कुछ किराया लेते हैं और कुछ निशुल्क सेवा देते हैं। इन सब में सबसे अलग है स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिचालित मुक्तांजलि सेवा। पार्थिव शरीर को ससम्मान घर तक पहुंचाने में सक्रिय है ।अस्पतालों से शव को घर तक पहुंचाने के लिए सरकार के टोल फ्री 1099 निशुल्क योजना है। वर्ष 2018 से नवंबर 2022 तक 1.56 लाख से अधिक पार्थिव शरीर को ससम्मान सेवा देकर मुक्तांजलि ने कीर्तिमान बनाया है।
अस्पताल से मृतक के पार्थिव शरीर को सम्मान ले जाना परिजनों के लिए मुश्किल और खर्चीला होता है । ऐसी स्थिति में संवेदनशीलता का परिचय देते हुए स्वास्थ्य विभाग ने मुक्तांजलि सेवा उपलब्ध कराई है। निरंतर 114 वाहनों के जरिए निशुल्क सेवा का लाभ जरूरतमंदों को मिल रहा है ।कोविढ महामारी के दौरान जब लोग अपने कोविड-19 रिश्तेदारों के शव लेने में असहज महसूस कर रहे थे, उस दौरान भी मुक्तांजलि के कर्मचारी सक्रिय रहे जबकि उस दौरान अन्य वाहन सेवा के लोगों ने भी पीड़ितों को ले जाने से इंकार कर दिया था । राज्य नोडल अधिकारी डॉ कमलेश जैन ने fourthline को बताया लोग टोल फ्री नंबर 104 पर कॉल कर इस सेवा का लाभ उठा सकते हैं।
उन्होंने बताया चालू वित्तीय वर्ष में 35000 से अधिक लोगों ने इस सेवा का लाभ उठाया है। मुक्तांजलि सेवा का संचालन करने वाली संस्था कम्युनिटी एक्शन थ्रू मोटिवेशन प्रोग्राम (कैंप) की प्रमुख प्रियंका द्विवेदी ने fourthline को बताया कि यह सेवा छत्तीसगढ़ के शासकीय चिकित्सालय एवं मेडिकल कॉलेजों से पार्थिव शरीर एवं उनके दुखी परिजनों को उनके निवास स्थान या श्मशान तक निशुल्क पहुंचाती है। इतना ही नहीं मृतक किसी दूसरे राज्य का निवासी हो एवं छत्तीसगढ़ राज्य के शासकीय चिकित्सालय में उसकी मृत्यु हुई हो , उन्हें भी उनके निवास स्थान तक पहुंचाया जाता है।
बिलासपुर के समाजसेवी एवं सक्रिय कार्यकर्ता अभिजीत मित्रा जिन्होंने बहुत से लावारिस शवों के अंतिम संस्कार करने में अग्रणी भूमिका निभाई है , इसके लिए वे कई बार सम्मानित हो चुके हैं श्री मित्रा ने fourthline को बताया कि कोविड-19 में मुक्तांजलि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और लोगों का पूरा साथ दिया और अभी भी शवों को घर या श्मशान तक पहुंचाने में मुक्तांजलि सेवा महत्वपूर्ण साबित हो रही है।